सर्दी के दोहे
बंद आंख सूरज किए, सुबह रही झकझोर।रात दिवस हैं एक से, कुहरा है घनघोर।। सूरज छुपकर सो गया, ले बादल
Read Moreबंद आंख सूरज किए, सुबह रही झकझोर।रात दिवस हैं एक से, कुहरा है घनघोर।। सूरज छुपकर सो गया, ले बादल
Read Moreकिसी भी देश को एक सूत्र में बांधने के लिए एक राष्ट्र भाषा होनी चाहिए,क्योंकि भाषा के माध्यम से ही
Read Moreइस जंगल का राजा भइया बड़ा शिकारी है उल्टा-सीधा पाठ पढ़ाकर बाजी मारी है मद में डूबा रहता हरदम पीकर
Read Moreअफरा-तफरी मची हुई है है गहमा-गहमी आतंकी ने पाँव पसारे चिड़िया हैं सहमी दूर देश से यात्रायें यह करके आया
Read Moreबहुत हो चुका राग न ज्यादा हमको और सुनाओ जाओ-जाओ-जाओ,जाओ अब तो जल्दी जाओ आकर दहशत फैलाना, यह रंच हमें
Read Moreकभी न सोचा क्या होगा कल होता सिर्फ विकास रहा बढ़ा प्रदूषण हद से ज्यादा दूभर लेना साँस रहा सीना
Read Moreचिलचिलाती धूप दर-दर का मौसम बदल रही है सुबह से नाराज पसरी आग बरसे दोपहर में छाँह के भी अधर
Read Moreबेच रहे वे सपने कब से मचा-मचाकर हल्ला देखो कैसा खेल चल रहा उनका खुल्लम-खुल्ला आसमान के चाँद सितारे धरती
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