गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 16/07/202416/07/2024 ग़ज़ल लफ़्ज़ों को हथियार बनाफिर उनकी तू धार बना छोड़ तवज़्ज़ो का रोनाअपना इक मेयार बना लंबा वृक्ष बना ख़ुद कोलेकिन Read More
गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 19/09/2022 ghazal, jaynit, गज़ल, जयनित ग़ज़ल जितना बढ़ते गए गगन की ओर उतना उन्मुख हुए पतन की ओर साज-श्रृंगार व्यर्थ है तेरा दृष्टि मेरी है तेरे Read More
गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 22/07/2020 ghazal, jaynit, गज़ल, जयनित ग़ज़ल सितम ए आसमाँ, ऐसा ज़मीं पर हो नहीं सकता मेरे जीते-जी ये हो जाए बंजर, हो नहीं सकता यही सच्चाई Read More
गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 25/08/201825/08/2018 ग़ज़ल क़ीमत ज़बान की है जहाँ बढ़के जान से है वास्ता हमारा उसी ख़ानदान से चढ़ना है गर शिखर पे, रखो Read More
गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 24/05/201825/05/2018 ग़ज़ल सदियों के अरमान छुपाये बैठे हैं दिल में इक तूफान छुपाये बैठे हैं बाँट रहे हैं मिलजुलकर सब अपना ग़म Read More
गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 28/09/201728/09/2017 ग़ज़ल दर्द से जिसका राब्ता न हुआ ज़ीस्त का उसको तज़रिबा न हुआ हाल-ए-दिल वो भी कर सके न बयाँ और Read More
गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 25/04/2017 ग़ज़ल संग जितने पड़ें उतना ही सँवर जाते हैं हम वो आईने नहीं हैं जो बिखर जाते हैं सारे मंज़र जो Read More
गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 25/03/201725/03/2017 ग़ज़ल मुझको सच कहने की बीमारी है इसलिए तो ये संगबारी है अपने हिस्से में मह्ज़ ख़्वाब हैं,बस! नींद भी, रात Read More
गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 17/08/2016 ग़ज़ल जानता हूँ, आपदाएँ शेष हैं। क्यों डरूँ,जब तक दुआएँ शेष हैं। जन्म लेते ही रहेंगे राम-कृष्ण, जब तलक धरती पे Read More
गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 23/03/2016 ग़ज़ल निगाहों में किसी की चंद-पल रुक कर चला आया परिंदा क़ैद का आदी नहीं था, घर चला आया सितमगर की Read More