नसीर के डर की वज़हें वाज़िब हैं, मैं भी डरी हुई हूँ
न जाने आज बहुत आलस सा लग रहा था। रोज़ की तरह 7 बजे उठकर नियमित क्रमानुसार सारे कार्य करने का
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Read More‘हमें चाहिए आज़ादी’, ‘हम लेकर रहेंगे आज़ादी’, किसे नहीं चाहिए आज़ादी? हम सभी को चाहिए आज़ादी। सोचने की आज़ादी, बोलने की
Read More1. हाल बेहाल मन में है मलाल कैसी ज़िन्दगी? जहाँ धूप न छाँव न तो अपना गाँव! 2. ज़िन्दगी होती
Read Moreनक्सलवाद और मजहबी आतंकवाद में सबसे बड़ा बुनियादी फ़र्क उनकी मंशा और कार्यकलाप में है। आतंकवादी संगठन हिंसा के द्वारा आतंक
Read More1. कर्म पे डटा कभी नहीं थकता फ़ौजी-किसान! 2. किसान हारे ख़ुदकुशी करते, बेबस सारे! 3. सत्ता बेशर्म राजनीति करती,
Read Moreगुड़ियों के साथ खेलती थी गुड़िया ता-ता थइया नाचती थी गुड़िया ता ले ग म, ता ले ग म गाती
Read More1. किरणें आई खेतों को यूँ जगाए जैसे हो माई। 2. सूरज जागा पेड़ पौधे मुस्काए खिलखिलाए। 3. झुलसा खेत
Read Moreतन्हा रहे ताउम्र अपनों की भीड़ में एक घर तलाशते ग़ैरों की नीड़ में! वक्त के आइने में दिखा ये
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