बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना
बचपन से लेकर आज तक मैं जब भी किसी को किसी के लिए किसी भी संदर्भ-प्रसंग में यह कहते हुए
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Read Moreअम्मा ने आटे के नौ-दस, लड्डू बाँध दिये; बोलीं- ‘रस्ते में खा लेना, लम्बी दूरी है।’ ‘ठोस’ प्रेम का ‘तरल’
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