ग़ज़ल
सुख तो अक्सर आँख चुराया करता है,दुख अपना हक खूब जताया करता है । सुधियों का परिधान पहनकर इक पंछी,मन-बगिया
Read Moreखुश हैं शोर मचाने वाले ,क्या कहिए ! चुप हैं राह दिखाने वाले , क्या कहिए ! दीख रहे हैं
Read Moreसूरज इनके साथ है , चंदा उनके हाथ । हमको तो तारे भले , रहे सदा सिर-माथ ।।1 भँवरों ने
Read Moreहै सुन्दर उपहार ज़िंदगी सुख-दुख का भण्डार ज़िंदगी । तेरा- मेरा प्यार ज़िंदगी मीठी- सी तकरार ज़िंदगी । खो बैठे
Read Moreखुद को तो भगवान समझकर बैठे हैं मुझको बस नादान समझकर बैठे हैं । इसका पत्ता देखो उसको बाँट रहे
Read Moreनए वर्ष में ! सुख का सच्चा ,समाचार हो नवाचार हो ! नए स्वप्न हों, नयी उमंगें नवल कल्पना ,नयी
Read Moreदिन भर कितना लाड़ लड़ाते ताऊ जी नई कहानी रोज़ सुनाते ताऊ जी। भूलें चाहे पापा जी टॉफ़ी लाना दूध
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