(ना)मंज़ूर इश्क़
इश्क़ तो इश्क़ है, चाहे वह किसी को भी हो जाए, किसीपे भी हो जाए.. नस्ल, धर्म, उम्र, ओहदे, ये
Read Moreइश्क़ तो इश्क़ है, चाहे वह किसी को भी हो जाए, किसीपे भी हो जाए.. नस्ल, धर्म, उम्र, ओहदे, ये
Read Moreसफ़र जारी है, फिर भी हमसफ़र अब है नहीं। उम्मीदें फ़िलहाल हैं, जो पूरी हो ही नहीं सकीं। आसमान में
Read Moreज़िंदगी एक सफ़र है, जिसपे हम बराबर चलते हैं। पर एक मोड़ पे रुकना पड़ेगा, क्या कोई यहाँ अमर है?
Read Moreभानु उदित देता संदेशा, नव प्रभात – नव युग की आशा संयम-निर्मल चिंतन धारा, गंगा ले बहती है माला वसुंधरा
Read Moreनहीं वह मेरा रहा – न मैं उसकी रही। पर अलग होकर भी – हम हमारे रहे।। मन की तूलिका
Read Moreसन-सन हवा के राज़ ये, गूँजते वातावरण में। समझा सकूँ मैं कैसे, उन्हें अपने चंचल मन में। लहरों में लिपटी
Read Moreप्यारे इश्क़, शयन नहीं जो बिछे पत्थर, रुई से बनी शय्या तुम हो। फूल बिखरे राह पे पड़ा, ज़हर से
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