गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 06/03/2018 ग़ज़ल पाक आतंकी कभी बाज़ आएँ क्या बारहा दुश्मन से’ धोखा खाएँ क्या ? गोलियाँ खाते ज़माने हो गये राइफल बन्दूक Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 06/03/201808/03/2018 ग़ज़ल तंज़ सुनना तो विवशता है, सुनाये न बने दर्द दिल का न दिखे और दिखाए न बने पाक से हम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 23/02/201824/02/2018 ग़ज़ल दीप रिश्तों का बुझाया जो, जला भी न सकूँ प्रेम की आग की ये ज्योत बुझा भी न सकूँ हो Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 23/02/2018 ग़ज़ल तुम्हारी ख्वाहिशें इतनी कि पूरा करने’ दम निकले मे’री भी ख्वाहिशों का जो ज़नाज़ा निकले’, कम निकले | किया था Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 17/01/2018 ग़ज़ल यह खुश नसीबी’ ही थी’, कि तुमसे जिगर मिले हूराने’ ख़ुल्द जैसे’ मुझे हमसफ़र मिले | किस्मत कभी कभी ही’ Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 14/01/2018 ग़ज़ल जिंदगी में काम कुछ हो नाम के बज्मे नाज़े चूमा’ लूँ मैं जाम के | आँखों’ से आखें मिली, दिल Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 12/01/2018 ग़ज़ल कभी तेरी भी’ चाहत हो, मिले आ जाये’ है मुझसे नज़ाकत से उठे घूँघट, तू’ शर्मा जाये’ है मुझसे | Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 09/01/2018 ग़ज़ल (१) राजा’ मंत्री हुआ करे कोई जनता’ से तो वफ़ा करे कोई | बात सबको खरी खरी बोलूँ द्वेष हो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 16/12/201719/12/2017 ग़ज़ल बिल्ली चूहे का खेल, दिखाना कहे जिसे नेता प्रजा के बीच, तमाशा कहे जिसे वादा किया था तुमने मिलेंगे यहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 09/12/201709/12/2017 ग़ज़ल निर्दयी कंस सा’ दानव कोई मामा न हुआ सच यही बात कि उस सा कोई पैदा न हुआ | रोज़ Read More