गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 08/12/201714/12/2017 ग़ज़ल सब बताये न हुई इनको तसल्ली न सही दोस्त तो और बहुत, पर दिली वो भी न सही जिंदगी काट Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 07/12/2017 ग़ज़ल प्यार से माँ की वो’ लोरी गुन्गुनानी फिर कहाँ राज कन्या राज रानी की कहानी फिर कहाँ ? तुम ही’ Read More
कहानी *कालीपद प्रसाद 06/12/201710/12/2017 कहानी – अहम् के गुलाम रश्मि ने कलाई में बंधी घडी देखी।रात्रि के तीन बज रहा था।चारो तरफ निस्तब्तता छायी हुई थी।रश्मि को छोड़कर दुनियां Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 06/12/2017 ग़ज़ल तारीफ़ क्या करूँ तेरी आखों की नूर की देदिप्त अंग अंग है’ सुरलोक हूर की | वो नूर और ओज, Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 22/11/2017 ग़ज़ल तारीफ़ क्या करूँ तेरी आखों की नूर की देदिप्त अंग अंग है’ सुरलोक हूर की | वो नूर और ओज, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 19/11/201719/11/2017 ग़ज़ल प्यार की राह तो दुश्वार है आसां होना आशिकों, ये भी मयस्सर नहीं यजदां होना | आज इंसान की किस्मत Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 13/11/2017 ग़ज़ल तुम नहीं सुनते कहानी मेरी हो रही बंजर जवानी मेरी | क्या कहे तुमको जबानी मेरी खत्म अब सब वो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 09/11/201720/11/2017 ग़ज़ल नया युग आ गया है अब, असहमति को मिटाना है नया भारत नया ढाँचा, बनेगा वह निराला है | वे’ Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 05/11/201709/11/2017 ग़ज़ल टूटी हुई गृहस्थी बसाने की बात कर अब आपसी रियाज़ निभाने की बात कर भाषण की आग में जले घर Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 21/10/201721/10/2017 ग़ज़ल जिक्र तेरी सुन्दरता और फिर बयाँ उनका कौन कौन है सच्चा दोस्त इम्तिहाँ उनका | वज्मे शाह में मय का Read More