गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 16/08/2020 ग़ज़ल तमाम दीन हँसाने को ईद आई है इलाह प्रेम सिखाने को ईद आई है | चमन दिलों का उजड़ता गया Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 16/08/2020 ग़ज़ल विरल है लोग करते जो रहबरी अब करेगी कुछ नया यह लेखनी अब | नया कुछ यह जमाना मांगता है Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 16/08/2020 ग़ज़ल रोकना अब नहीं यह सफर दोस्तों अब मिले कोई इक हमसफर दोस्तों | देख लो जिंदगी के कहर दोस्तों हर Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 20/07/2020 ग़ज़ल अलग अलग बात करते सब, नहीं जाने ये’ जीवन को ये’ माया मोह का चक्कर है’ कैसे काटे’ बंधन को| Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 20/07/2020 ग़ज़ल जनता’ दिलगीर है’ शासन अभी गंभीर नहीं देश है जनता’ का’ नेता की’ ये’ जागीर नहीं | अंध विश्वास कि Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 20/07/2020 ग़ज़ल हुक्म की तामील करना कोई’ बेदाद नहीं बादशाही सैनिकों से कोई’ फ़रियाद नहीं | “देशवासी की तरक्की हो” पुराना नारा Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 10/06/2020 ग़ज़ल मुफलिस भी है इंसान, *लयान मांगता है * सुख, चैन छोटा बड़ा सभी अब सम्मान मांगता है | काम करो Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 10/06/2020 ग़ज़ल देश है उपवन खिले गुल से महकना चाहिए देश भक्तों के ह्रदय पल पल मचलना चाहिए | दिल की’ दरिया Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 10/06/2020 ग़ज़ल भरी बन्दूक, तुम गोली चला देना अभी अबला नहीं नारी, दिखा देना | अगर अब शत्रु टेढ़ी आँख से देखे Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 10/06/2020 ग़ज़ल सब तन्हा इस धरा पर, संग जाता कौन है ? कौन जाने स्वर्ग से भी साथ आया कौन है ? Read More