गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 10/08/2018 ग़ज़ल रहनुमा दूंढते हैं’ माल कहाँ सत्ता’ कुर्सी समान हाल कहाँ | प्यार में तेरे’ मैं हुआ बेहाल मेरे’ तक़दीर में Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 10/08/2018 ग़ज़ल राजाधिराज का गिरा’ दुर्जय कमान है सब जान ले अभी यही’ विधि का विधान है | अद्भूत जीव जानवरों का Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 09/08/2018 ग़ज़ल चनावी दंगलों में स्याह धन की आजमाइश है इसी में रहनुमा के मन वचन की आजमाइश है | सभी नेता Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 09/08/201809/08/2018 ग़ज़ल जिंदगी तू अब मुहब्बत गुनगुनाना सीख ले हर मुसीबत में सदा तू मुस्कुराना सीख ले | आपदा का आना’ जाना Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 13/07/2018 ग़ज़ल ये जिंदगी तो’ हो गयी’ दूभर कहे बग़ैर आता सदा वही बुरा’ अवसर कहे बग़ैर | बलमा नहीं गया कभी’ Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 13/07/2018 ग़ज़ल हाथ में वही अंगूरी सुरा,पियाला है रहनुमा का’ मन काला, वस्त्र पर उजाला है | छीन ली गई है आजीविका, Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 13/07/2018 ग़ज़ल अक्सीर दवा भी अभी’ नाकाम बहुत है बेहोश मुझे करने’ मय-ए-जाम बहुत है | वादा किया’ देंगे सभी’ को घर, Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 13/07/201815/07/2018 (तरही ) ग़ज़ल कभी दुख कभी सुख, दुआ चाहता हूँ इनायत तेरी आजमा चाहता हूँ वफ़ाओं के बदले वफ़ा चाहता हूँ तेरे इश्क Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 20/06/2018 ग़ज़ल रूठा रूठा रहता है जानम, कुछ बात बताये तो हम उसे (उन्हें)मनाये कैसे, साजन पास कभी आये तो | है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 05/06/2018 ग़ज़ल इन्तिखाबों में फैसला क्या है देर करने में’ फायदा क्या है | शत्रु नादान बोलते क्या है उनका’ महफूज़ मशवरा Read More