गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 05/06/2018 ग़ज़ल हमारे देश को सुन्दर बनाना है ख़ुशी से इक तराना गुनगुनाना है| अभागा औ धनी अंतर मिटा देना सभी के Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 05/06/2018 ग़ज़ल वज़ीरों में हुआ आज़म, बना वह अब सिकंदर है विपक्षी मौन, जनता में खमोशी, सिर्फ डरकर है | समय बदला, Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 19/05/2018 ग़ज़ल कहीं वही तो’ नहीं वो बशर दिल-ओ-दिलदार जिसे तलाशती’ मेरी नज़र दिल-ओ-दिलदार | हवा के’ झोंके’ ज्यों’ आते सदा सनम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 05/05/201805/05/2018 ग़ज़ल सटीक बात की, आक्षेप बाँधनू क्या है ये बातचीत में खरसान बैर बू क्या है? नया ज़माना नया है तमाम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *कालीपद प्रसाद 05/05/201805/05/2018 ग़ज़ल जान लो पत्थर में होती जान है कंकड़ों में दीखते भगवान है | ईँट पत्थर जोड़कर बनता भवन जिंदगी में Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 19/04/201819/04/2018 ग़ज़ल दुख और कष्टों को भुलाना सीख लें दुख दौर में भी मुस्कुराना सीख लें | रब ने दिया है वुद्धि, Read More
कवितापद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 12/04/2018 कविता आरक्षण – एक भष्मासुर आरक्षण एक भष्मासुर है जिनलोगों ने इसकी सृष्टि की शिव जी की भांति वही आज उससे Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 12/04/2018 ग़ज़ल रिश्तों’ का रंग बदलता ही’ गया तेरे बाद रौशनी हीन अलग चाँद दिखा तेरे बाद | जीस्त में कुछ नया’ Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 06/04/2018 ग़ज़ल दुश्मनों को मिटा’ देना यही’ काल अच्छा है खुद करो भूल, अदू को सज़ा’ ख्याल अच्छा है | रक्षा की Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 05/04/2018 ग़ज़ल ए इनायत है खुदा की जो गुलामी मिट गई बन गए हम दोस्त, ज़हमत दुश्मनी भी मिट गई | पल Read More