तुम वही हो क्या
जिसको चाहा था तुम वही हो क्या? मेरी हमराह ज़िंदगी हो क्या? कल तो हिरनी बनी उछलती रही क्या हुआ
Read Moreजिसको चाहा था तुम वही हो क्या? मेरी हमराह ज़िंदगी हो क्या? कल तो हिरनी बनी उछलती रही क्या हुआ
Read Moreज़मीं से उठाकर फ़लक पर बिठाएँ। अहम लक्ष्य हो, आज बेटी बचाएँ। जहाँ घर-चमन में, चहकती है बेटी बहा करतीं
Read Moreमीरा ने ज्योंही रसोई का कचरा डालने के लिए घर के पिछवाड़े का द्वार खोला, सामने एक सुदर्शन युवक को
Read Moreरात दिन जो एक करते, एक रोटी के लिए। आज वो ही जन तरसते, एक रोटी के लिए। अन्न दाता
Read Moreसुनहरी भोर बागों में, बिछाती ओस की बूँदें! नयन का नूर होती हैं, नवेली ओस की बूँदें! चपल भँवरों की
Read Moreदमयंती की आँखों के सामने चाहे स्वच्छ अनंत आसमान था, मगर उसके मनस्पटल पर घोर काले बादल उमड़-घुमड़ मचा रहे
Read Moreग्रीष्म ऋतु में संगिनी सी, नीम की शीतल हवा। दोपहर में यामिनी सी, नीम की शीतल हवा। झौंसता वैसाख जब,
Read Moreजो रस्मों को मन से माने, पावन होती प्रीत वही तो! जीवन भर जो साथ निभाए, सच्चा होता मीत वही
Read Moreएक छोटे से स्टेशन पर गाड़ी रुकी तो सामने ही गुमटी पर चाय बनती देखकर अभिनव नीचे उतरा. अपना छोटा
Read Moreनम हवा फुलवारियों की खूब भाती है मुझे। नित्य नव भावों भरी कविता सुनाती है मुझे। रात के आगोश में
Read More