वफाओं से आखिर वे क्या चाहते हैं /गज़ल
जो देना तो उनको दगा चाहते हैं। वफ़ाओं से आखिर वे क्या चाहते हैं? जहाँ दे दिखाई, कोई
Read Moreजो देना तो उनको दगा चाहते हैं। वफ़ाओं से आखिर वे क्या चाहते हैं? जहाँ दे दिखाई, कोई
Read Moreखुशबू से महकाओ मन, बागों की तरहा। रंगों से भर दो जीवन, फूलों की तरहा। कभी न बनकर बाँध, रोकना
Read Moreइस कदर ख्वाब वे सजा बैठे। देश को दाँव पर लगा बैठे। मानकर मिल्कियत महज अपनी, तख्त औ ताज
Read Moreनित्य नवेली भोर, टहलना अच्छा लगता है चिड़ियों सँग, चहुं ओर, चहकना अच्छा लगता है जब बहार हो, रस फुहार
Read Moreनव-बरस आते ही रहना हम सदा स्वागत करेंगे। तुम अगर क्रम तोड़ दोगे काल चलना छोड़ देगा। देख मुरझाई
Read Moreखिल उठा गुलशन, गुलों में जान आई। साल नूतन दे रहा सबको बधाई। कह रहीं देखो, नवेली सूर्य किरणें अब
Read Moreकब मिलोगे मीत, इस बाबत लिखा है। प्यार से मैंने, तुम्हें यह ख़त लिखा है। मन तुम्हारा क्या मुझे अब
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