बिखरता आत्मविश्वास
“एकलव्य “सी लगन है तुममें, तब कौन रोक सकेगा तुमको? “भीष्म “के जैसे दृढ़ प्रतिज्ञ तुम, तब कौन डिगा सकेगा
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Read Moreजब से आए हो तुम मेरे जीवन में, जिंदगी खुशनुमा सी लगती है। मुरझा गई थी जो अरमानों की बगिया,
Read Moreअश्कों की कोई खता नहीं आंखों से जो बहता है, हो कोई भी मौसम लेकिन ज़ख्म हरा रहता है। एक
Read Moreमोहिनी सूरत ,मोहक काया, यौवन की मधुर सुनहरी छाया, मेरे जीवन को हर्षाने वाले, मन का फूल तुम्हें अर्पण है।
Read Moreगले मिल कर आओ एक वादा कर लें, सुकूं मिल जाए रूह को ये कोशिश कर लें। इंतजार की घड़ियां
Read Moreदिल मिले हैं खयालात भी एक ही है, मुलाकात होगी कभी, ऐतबार करते हैं। बेताबियां कितनी सीने में दबाए बैठे
Read Moreकितना नजदीक था वह.,,,,,,,,,,,.,,,,, चार कदम की दूरी पर ही तो था वह आवाज़ भी देना चाहती थी उसे। मगर
Read Moreतुम्हारी महक मेरी सांसों में बसी है, मेरी धड़कनें तुम्हारे ही गीत गुनगुनाती हैं। हर पल सिर्फ तुम्हें ही सोचती
Read Moreबहन, मां, बेटी हो तुम, पत्नी और प्रेयसी हो तुम। तुम ही गीता ,रामायण हो, तुम ही सृष्टि की तारण
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