Author: *डॉ. कमलेश द्विवेदी

गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल-बात तुम्हारी एकतरफ

कृष्णमुरारी एकतरफ. सेना सारी एकतरफ. एकतरफ मेरी दुनिया, दुनियादारी एकतरफ. इश्क अगर हो चारागर, हर बीमारी एकतरफ. जो देकर दस्तार

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