Author: कमलेश व्यास 'कमल'

मुक्तक/दोहा

दोहे : स्वतंत्रता का मोल

स्वतंत्रता संग्राम का,गौरवमयी अतीत। मिलजुल कर सबने लड़ा,तो मिल पाई जीत।। अगणित न्योछावर हुए,गुमनामी में वीर। हँसते-हँसते मिट गए,मतवाले रणधीर।।

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