थोड़ा सा आसमान !
सुबह ही बाबू जी ने दोनो बेटों और बहुओं को अपने कमरे में बुलाया था। कमरा तो नाम का था
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Read Moreफिर चल पड़ी जिन्दगी ! खफ़ा थे तुम यूं ,जब तलक हमसे ; जीते तो थे हम, पर जीए बेमन
Read Moreआधी अधूरी ख़्वाहिशों को ले चली मैं जाने कहां ! तुम न होना उदास बेवजह इस अल्हड़ के लिए जितने
Read Moreमेरे पास आओ माँ, गीत कोई सुनाओ माँ, इम्तिहान खत्म हुए अब, मौज करेंगे मिलकर सब! मेरे पास….. बंटु,बंबु और
Read Moreसोमनाथ जी ने जैसे ही घर में कदम रखा, रमा ने लम्बी सामान की लिस्ट थमा दी। सोमनाथ जी समझ
Read Moreछुट्टियों का बहाना ढूंढना और अपने कज़न्स के साथ बैष्णौ देवी के दर्शन करने जाना जो कटरा में है तकरीबन
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