हमारा वतन !
बात वतन के हित की हो बस कुछ को तकलीफ़ होती है, हर बात पे बस राजनीति क्या कोई इसकी
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Read Moreजब जब दिल बेकरार होता है , कैसे कहें क्या हाल दिल का होता है ! तुम रुठ जाते हो
Read Moreवो जादुई आँखें भूलाये नहीं भूलती ! वो अल्हड़ सी बातें वो न खत्म होती रातें क्या कशिश थी उनमें
Read Moreरीचा बड़े ही प्यार से अपनी गुड़िया को सजा रही थी उसने कितने दिनो से शोर मचाया हुआ था कि
Read Moreहर पल को जी लूं ! कहता है मन कभी कभी तोड़ के बंधन ये अजनबी आज हर पल को
Read Moreअपने ही जब अपनों को छले तो क्या करे कोई! शमां में जानकर परवाना जले तो क्या करे कोई! वक्त़
Read Moreसुबह ही बाबू जी ने दोनो बेटों और बहुओं को अपने कमरे में बुलाया था। कमरा तो नाम का था
Read Moreफिर चल पड़ी जिन्दगी ! खफ़ा थे तुम यूं ,जब तलक हमसे ; जीते तो थे हम, पर जीए बेमन
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