उम्मीदों का सपन सलोना
स्पर्श करती उत्तुंगता को, अंतस से उठती इच्छाएँ! संघर्षों से जीती जाती, जीवन की प्रतिकूल बलाएँ!! असमय कालचक्र में बिंधकर,
Read Moreस्पर्श करती उत्तुंगता को, अंतस से उठती इच्छाएँ! संघर्षों से जीती जाती, जीवन की प्रतिकूल बलाएँ!! असमय कालचक्र में बिंधकर,
Read Moreघने अंधेरे छायेंगे, विपत्ति भी डेरे लगायेंगे | देख प्रतिकूल हालातों को, शूल स्वयं बिछ जायेंगे || हर अवरोध को
Read More