बहुत कुछ बाकी है
खो गई हैं पलकों में कई रातें हवा में गुम हो गई मेरी ख़ामोशी एक गीली शाम ओस में लिपटी
Read Moreखो गई हैं पलकों में कई रातें हवा में गुम हो गई मेरी ख़ामोशी एक गीली शाम ओस में लिपटी
Read Moreजब आँखें खुलीं मैंने देखा कुछ बूंदें नमक की है कोरो के भीतर मेरे अंदर का समुंद्र है आज शायद
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