अनियंत्रित भावनाएं
अनियंत्रित भावनाएं विचरती हैं अपने वेग में, कितना भी रोको कितना भी टोको ये अपने ही धुन में, बंदिशों को
Read Moreअनियंत्रित भावनाएं विचरती हैं अपने वेग में, कितना भी रोको कितना भी टोको ये अपने ही धुन में, बंदिशों को
Read Moreसिमटती है मेरी हथेली तेरी हथेली में, अनेकों एहसास उन थोड़े पलों में हो जाते हैं प्रवाहमान, बस इतनी सी ख्वाहिश
Read Moreअच्छा लगता है तुम्हें देखना, तुम्हीं से छुपाकर….. अच्छा लगता है तुम्हें सुनना , तुम्हारी ही नजर बचाकर…. अच्छा लगता
Read Moreमैं कब से देख रही थी उसे,अथाह पीड़ा के साथ – साथ उसकी आंखों में घृणा की ज्वाला भी धधक
Read Moreसोचती हूं कभी जब तुम होंगे जीवन के सबसे खुशहाल पलों में… मैं साथ क्यों ना थी? सोचती हूं
Read Moreप्रेम और त्याग धरा ! धैर्य धारण किए, खुद में समेटे अथाह प्रेम और त्याग, तकती रहती अपने आसमां.. क्षण
Read Moreसुनो ना! क्या कहते हैं तुमसे मेरे सौभाग्य चिन्ह….. मेरे मांग का दमकता सिंदूर कुछ कहे है, क्या कहे है
Read Moreभारतीय रेल एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और विश्व का चौथा। रोजाना लगभग दो करोड़ से ज्यादा लोग
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