कहानी : भुल्लन बाबू
सफेद चमचमाती मेट्रो की खिड़कियों में लगे बड़े बड़े शीशों के भीतर से नीचे सड़क पर दौड़ते वाहनों को बड़े
Read Moreसफेद चमचमाती मेट्रो की खिड़कियों में लगे बड़े बड़े शीशों के भीतर से नीचे सड़क पर दौड़ते वाहनों को बड़े
Read Moreअभी मास्टर ओमप्रकाश घर में घुसे ही थे की उन्हें किसी के रोने की आवाज सुनाई दी , कमरे में
Read Moreवह तेजी से भाग जा रहा था , क्षत-विक्षत वस्त्र ।जगह जगह शरीर पर बने ताजा घाव के निशान ,
Read Moreकोई भी धर्म भ्रम या जोर जबरजस्ती से बड़े पैमाने पर न तो ज्यादा लंबे समय तक टिका रह सकता
Read Moreअधिकतर भारतीय इतिहासकारो (?) का यह मानना है की सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध की विभीषिका से दुखी होके बौद्ध
Read More“चाचा जी नमस्ते ” दरवाजे पर रंगीन लड़ियाँ लगवाते हुए गोलू उर्फ़ ज्ञानप्रकाश ने पन्नालाल लाल को कार से उतरता
Read More” केशव !!..” पीछे से किसी महिला की आवाज सुन केशव ने पलट के देखा “ओह!!!! नंदिता ….” केशव ने
Read More“अरे अभी तक तैयार नहीं हुई क्या?…..कितनीं देर और लगाओगी ?” ड्राइंग हॉल में बैठे राघव ने जोर से आवाज
Read Moreयह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि अधिक दिनों तक पराधीन पिछड़े रहने वाले राष्ट्रों में अपने अतीत काल को
Read Moreईश्वरवादियों का सबसे प्रमुख ग्रन्थ है ऋग्वेद , ऋग्वेद जिसके बारे में कहा जाता है की ईश्वर ने सबसे पहले
Read More