सफेद चमचमाती मेट्रो की खिड़कियों में लगे बड़े बड़े शीशों के भीतर से नीचे सड़क पर दौड़ते वाहनों को बड़े हैरत और जिज्ञासा से निहार रहे थे भुल्लन बाबू , ऐसा लग रहा था कि जैसे वे आसमान में उड़ते हुए नीचे झाँक रहे हों जंहा से सब छोटा छोटा दिख रहा हो। “दादा रे! […]
Author: संजय कुमार (केशव)
कहानी – मास्टर जी
अभी मास्टर ओमप्रकाश घर में घुसे ही थे की उन्हें किसी के रोने की आवाज सुनाई दी , कमरे में जा के देखा तो श्रीमती जी सब्जी काटते हुए सुबक रही हैं । ” क्या हुआ ? रो क्यों रही हो ?” उन्होंने बगल में लटकाये झोले को सोफे पर पटकते हुए पूछा । ओमप्रकाश […]
कहानी : हथियार
वह तेजी से भाग जा रहा था , क्षत-विक्षत वस्त्र ।जगह जगह शरीर पर बने ताजा घाव के निशान , पत्थरो और झाड़ियों के शूलों से घायल पाँव जिनमे से रिसता रक्त । पर इन सबकी परवाह न कर हांफता -लंगड़ाता बदहवास तेजी से भाग रहा था । भागते हुए वह एक नदी के तट […]
जानिए क्यों होता है हिन्दुओ का धर्मपरिवर्तन
कोई भी धर्म भ्रम या जोर जबरजस्ती से बड़े पैमाने पर न तो ज्यादा लंबे समय तक टिका रह सकता है और न ही व्यापक रूप से फैल सकता है। किसी भी धर्म की सफलता के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है की वह लोगो की सामाजिक और मनिवैज्ञानिक अवश्यक्ताओ को पूरा करता हो।क्या हम भारत में […]
सम्राट अशोक और बौद्ध धर्म
अधिकतर भारतीय इतिहासकारो (?) का यह मानना है की सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध की विभीषिका से दुखी होके बौद्ध धर्म ग्रहण किया था, इस घटना पर कई फ़िल्म और सीरियल भी बन चुके हैं जिस कारण आम धारणा भी यही बन गई । पर क्या यह घटना सत्य है? क्या वास्तव में अशोक ने […]
कहानी : नागिन डांस
“चाचा जी नमस्ते ” दरवाजे पर रंगीन लड़ियाँ लगवाते हुए गोलू उर्फ़ ज्ञानप्रकाश ने पन्नालाल लाल को कार से उतरता देख आश्चर्य मिश्रित ख़ुशी लिए नमस्ते कहते हुए पैर छुए । ” जीते रहो बेटा… सब ठीक है ?” पन्नालाल ने गोलू से पूछा ” जी सब ठीक है … जब से सुना कि आप […]
कहानी : बेरोज़गार
” केशव !!..” पीछे से किसी महिला की आवाज सुन केशव ने पलट के देखा “ओह!!!! नंदिता ….” केशव ने पीछे खड़ी नंदिता को देख आस्चर्य किया । “कँहा जा रही हो ?कब आईं?…. कैसी हो ” केशव ने एक सांस में कई प्रश्न कर दिए । “अरे बाबा …. इतने सारे क्योशन …वो भी […]
कहानी : अमीरी
“अरे अभी तक तैयार नहीं हुई क्या?…..कितनीं देर और लगाओगी ?” ड्राइंग हॉल में बैठे राघव ने जोर से आवाज लगाते हुए कहा । “बस थोड़ी देर और …” कविता ने अपने कमरे से जबाब दिया कविता ने दीवार से लगी एक बड़ी सी अलमारी खोली और उसमे टंगी ढेरो साड़ियां पर नजर डाली , […]
अंग्रेजो की दासता और ग्रंथो में आधुनिक विज्ञान
यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि अधिक दिनों तक पराधीन पिछड़े रहने वाले राष्ट्रों में अपने अतीत काल को लेके ऐसी गौरवमय भावना बैठ जाती है जो सिवाय भ्रम के कुछ नहीं होती ।गौरवमय इतिहास की कल्पना पराधीन राष्ट्र के लोगो को जीने में उत्साह भरता है इससे पराधीन होने की हीनता कम होती […]
क्या वेद ईश्वर के विषय में सच में जानते हैं ?
ईश्वरवादियों का सबसे प्रमुख ग्रन्थ है ऋग्वेद , ऋग्वेद जिसके बारे में कहा जाता है की ईश्वर ने सबसे पहले उतारा ऋषि के ह्रदय में । ईश्वरवादी वैदिक कहते है की वेदों में स्पष्ट कहा गया है की ईश्वर सृष्टि का निर्माता है , परन्तु यदि आप ऋग्वेद पढ़ेंगे तो स्वयं पाएंगे की जिस तथकथित […]