ग़ज़ल
सुब्ह है इस प्रकार से अच्छीधुंध है अंधकार से अच्छी मत उतरना कि डूब जाओगेये नदी आर-पार से अच्छी कब
Read Moreकुछ अपने में डूबोकुछ दुनिया मेंउचटे हुए खोए-खोए मत रहोनहीं तो खो जाओगे एक रोज़और खो दोगे वे अमूल्य गुहरजो
Read Moreएक वीरान-से इलाक़े मेंएक विशाल पेड़ के नीचेरेल की पटरी के किनारेबैठा रहना भीदुख की काट हो सकता हैमालूम न
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