चले आओ कि तेरे बिन
चले आओ कि तेरे बिन कहीं अच्छा नहीं लगता | कि सपने देखती तो हूँ मगर सच्चा नहीं लगता |
Read Moreचले आओ कि तेरे बिन कहीं अच्छा नहीं लगता | कि सपने देखती तो हूँ मगर सच्चा नहीं लगता |
Read Moreहमारे बुजुर्ग हमारे धरोर हैं..! जिन्होंने अपने सुन्दर घर बगिया को अपने खून पसीने से सींच सींच कर उसे सजाया
Read Moreजिन भावों में हित की भावना समाहित हो वही साहित्य है तथा उन भावों को शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत करने
Read Moreबरस गयो रे सखी सावन की बदरी | भीगा मेरा तन मन भीग गई चुनरी || लाई पुरवाई साजन का
Read Moreमिरे दिल के तार तुमसे जुड़ गये न जाने कैसे | सुनो प्रेम प्रेम तुमसे हो गया न जाने कैसे
Read Moreरूप अपना मैं अक्सर बदलती रही ************************** रूप अपना मैं अक्सर बदलती रही आपमें ही हमेशा मैं ढलती रही माला
Read Moreजिंदगी होती नीरस प्यार के बिना नहीं मिलता करार इकरार के बिना लिख दी चिट्ठी में कुछ कही अनकही प्यार
Read Moreआइये बैठिए दो घड़ी मेरे पास, आपसे ही लगन आपसे ही ये आस | आँखों में आपके प्यार है तो
Read Moreसुनो ना प्रियतम नेह डोर अब बंधी है तुमसे प्रीत हॄदय की धड़कनों में ध्वनि छिड़ी है तुमसे चांद तारे
Read More************************* नज़रों की खता है न तिरी न मोरी | बंधन प्रीत की है नहीं कोई चोरी | ना मैं
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