कविता : शान्ति दीप जलाना होगा
आज दिलों में अपने हमको, शान्ति दीप जलाना होगा, नफ़रत का संसार मिटाकर, प्यार उजाला लाना होगा। खेल चुके हैं
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Read Moreएक दिवस—- जीवन व मृत्यु में संवाद होने लगा दोनों में कौन श्रेष्ठ ,वाद होने लगा, बात बढ़ते-बढ़ते विवाद होने
Read Moreमौन रहकर भी मुखर जो हो रहा है, दर्द चेहरे से बयां वो हो रहा है । सोचा था
Read Moreगीता मे हृदयं पार्थ गीता मे सारमुत्तमम्। गीता में ज्ञानमत्युग्रं गीता मे ज्ञानमव्ययम्। । गीता की महत्ता के विषय में
Read Moreवर्षा को मत दोष दो, देखो अपना हाल, वृक्ष सारे काट दिए, पहाड़ हुए बेहाल। नंगे तन कब तक
Read Moreसाफ़ सफाई जीवन का, बना रहे अभियान, लक्ष्मी भी विराजें वहीँ, जहां स्वच्छ मुकाम। बिमारियाँ आती नहीं, उस बस्ती की
Read Moreआज अनोखा हाल देखा, दिल्ली में कमाल देखा, मात-पिता को शर्मिन्दा हो, रोते हुए बेहाल देखा। भटक रही थी
Read Moreभारतीय संस्कृति में गर्भ धारण से लेकर मृत्यू प्रयन्त 16 संस्कारों की अवधारणा पायी जाती है। इन सभी संस्कारों का
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