मिलन
आकाश में खुल गये है बादलों से बने वातायन झांकते से लगते है वहाँ से मुझे तुम्हारे सुंदर नयन
Read Moreमिलन की रेत का एक घरौंदा जो हम दोनों ने मिलकर बनाया था उसकी नींव धीरे धीरे खिसक रही
Read Moreउस दिन सुबह सुबह तुमने जब मुझे चाय का कप थमाया मैंने तुम्हारी उँगलियों कों नहीं छुवा शाम कों छत
Read Moreरेत पर पद-चिन्ह छोड़ जाओ कुछ दूर चल लूंगा लहरों को अपना नाम -पता बता जाओ इसी धरती मे रहता
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