“सपना”
“सपना” सपनों मे मुझे बादल आ घेरते हैं रेत ..मेरे पांवो मे धंस जाते हैं नदी …मुझमे डूबती चली जाती
Read Moreतुम कहती हो…..” तुम कहती हो सादगी और प्रेम से भरी एक ऐसी कविता सुनाओं जिसमे कहानी कम …सच्चाई ज्यादा
Read Moreतुम्हारे और मेरे बीच शब्दों की ईटों से बना हुआ हैं एक पुल मैं एकांत में रहता हूँ जैसे
Read Moreफूल जब तक रहा खिला सुगंध उससे मुझे मिला रंग में उसके दिन भर मन मेरा उलझा रहा मोहित कर
Read More{बशीर बद्र : ‘नई ग़ज़ल का एक नाम’ से संकलित } बशीर बद्र साठोत्तरी पीढ़ी के महत्व पूर्ण शायर हैं
Read Moreआईने में जमी धूल की तरह तुम मुझे साफ़ कर देना चाहती हो पानी में तैरते तिनकों की तरह तुम
Read Moreवह प्रतिरूप जो तुम्हारे मन के भीतर रहता हैं मेरी जान पहचान उसी से हैं उसी सेबातें कर मैं
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