सामाजिक कृष्ण कान्त वैदिक 25/12/201425/12/2014 धर्माचरण धैर्य क्षमा संयम चोरी न करना पवित्रता और इन्द्रिय निग्रह आदि को धर्म के दस लक्षण बताया गया है। इन Read More
सामाजिक कृष्ण कान्त वैदिक 24/12/201424/12/2014 कर्मफल कर्म करना मनुष्य का काम है जिसे त्यागने पर वह जीवित नहीं रह सकता है। जीवन का आधार ही कर्म Read More
सामाजिक कृष्ण कान्त वैदिक 23/12/201423/12/2014 पात्रता उपदेशक अनेक श्रोताओं को समान रूप से उपदेश देते हैं परन्तु उनमें से कुछ लोग ही सार्थक तत्त्व ग्रहण कर Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म कृष्ण कान्त वैदिक 16/12/2014 एषणा एषणा का अर्थ है-कामना, इसमें मुख्यतः विवेक का अभाव रहता है। जिस व्यक्ति के मन में सदा कामनाएं बनी रहती Read More
सामाजिक कृष्ण कान्त वैदिक 07/12/2014 अनुकरण अनुकरण का अर्थ है नकल करना। मनुष्य में अन्य जीवधारियों की तुलना में स्वाभाविक ज्ञान अत्यन्त कम होने के कारण Read More