हे भारत के कवि!
(सरसी छंद) नयी पीढ़ी न चाहे नखशिख, न विरह या श्रंगार इसे चाहिए उत्साह से छने, वीर रस के उद्गार
Read More(सरसी छंद) नयी पीढ़ी न चाहे नखशिख, न विरह या श्रंगार इसे चाहिए उत्साह से छने, वीर रस के उद्गार
Read Moreजो होता था सिरमौर जगत का सारे देशों का एकमेव नरेश आज कहाँ है आ गया पतित हो हमारा प्यारा
Read More