लघुकथा : आई एम सॉरी सर
“हैलो नव्या, एकबार फिर तुमने अच्छी कविता पेश की, वाहहह क्या बात है” “थैंक्स अ लॉट हितेश सर, आपलोगों से
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Read Moreसमंदर में उठती कुछ तरंगें मानों करती हैं प्रयास एक किनारे का संदेश दूसरे तक पहुँचाने का सफल भी होती
Read More1. परिंदों को चिढाने की, किसी को आजमाने की। नहीं ख्वाहिश रही अपनी जमीं से दूर जाने की। इधर पर
Read More“देखिए जी, ऐसा करके आप हमारी बेटी की जिन्दगी ही तो बरबाद कर रहे हैं, छोड़ दीजिए न ये जिद”
Read Moreगिरिधर बाबू के यहाँ पँचायत बैठी थी। उनके और उनके भाइयों के बीच पैतृक संपत्ति के बँटवारे का फैसला होना
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