लघु कथा : रिश्तों का दर्द
मित्रो, आप सब के स्नेह का प्रतिदान तो नहीं कर सकती,… पर कुछ है जो भीतर ही भीतर रिसता रहता
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Read Moreनयनों में प्यास लिए, मुख मृदु हास लिए चहकत झूम झूम जैसे हो कजरिया । मधुमाती अबला सी, रसवंती सबला
Read Moreअहो भाग्य !हे वीर पुरुष !इस धरती पर जो तुम आये। देश प्रेम से ओत प्रोत नव गीत तुम्ही
Read Moreसबको मुबारक सुबह का उजाला। ठिठुरन भरा दिन यहाँ पर निकाला । अभी सांझ की सरसराती हवा है , हमारे
Read Moreराम राम मन में बसे, राम नाम में लीन । और कछु सूझत नहीं, मन प्रभु के आधीन ।।
Read Moreमन की बातें मन ही जाने , बात किसी की एक न माने ।(1) जोगन बन कर बनबन घूमें ,
Read Moreजीवन के किस मोड़ पर क्या घटना घटित हो जाये, इस पर मनुष्य का कोई बस नहीं चलता। 28/07/15 को
Read Moreशब्द का मंथन न कोई। प्रेम का बंधन न कोई । व्यक्त कर दे भावना को । राह में अड़चन
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