संगीन जुर्म
”हमारा गंजापन क्यों बढ़ता जा रहा है?” गंज से शर्मिंदा पुरुषों ने मौसम से पूछा. ”हमारे बालों की चमक क्यों
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Read Moreविरोध करेंगे, गतिरोध नहीं (लघुकथा) ”बहिनो और भाइयो, हमारे मन की आवाज है- छिड़ने दो न्याय के तारों को
Read Moreमन करता है जय भारत, जय-जय भारत मैं गाऊं, जय भारत, जय भारत गा, गणतंत्र दिवस मैं मनाऊं. उठते-बैठते, सोते-जागते
Read Moreछोटे-छोटे बालक हैं हम, लेकिन नहीं किसी से कम, मत समझो नादान है बुद्धि, कल तो देश चलाएंगे हम सौंप के
Read Moreकुछ दिन पहले मेरे पतिदेव ने कैटरैक्ट का ऑपरेशन करवाया था. हमें ऑपरेशन करवाने दिल्ली से नोएडा जाना था. कार
Read Moreसुबह-सुबह भुविका का फोन आया. उसका सुबकना उसके दर्द की दास्तां कह रहा था. पिता ने सुना तो सन्न रह
Read Moreआप लोग जानते ही हैं, कि ‘सतरंगी समाचार कुञ्ज’ में सात रंगों के समाचार हम लिखते हैं, शेष रंगों के
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