विस्तृत दायरा
आज सुखवंती की देसी रंग में रंगी विदेशी बहू वापिस ऑस्ट्रेलिया चली गई थी. सुखवंती पिछले कुछ अद्भुत दिनों की
Read Moreआज सुखवंती की देसी रंग में रंगी विदेशी बहू वापिस ऑस्ट्रेलिया चली गई थी. सुखवंती पिछले कुछ अद्भुत दिनों की
Read Moreआज दशहरा फिर से आया, खुशियां-ही-खुशियां ले आया, सच की सदा विजय होती है, यह हमको बतलाने आया. आज दुकानें
Read Moreकोई समुद्र तट पर, इक शंख ढूंढता है, हलचल भरे इस जग में, शांति को ढूंढता है. थोड़ा-सा प्रयास करके,
Read Moreदेश हमारा माला जैसा, राज्य है ज्यों मोती इसके, मोती मिलकर बनते माला, राज्य मिलें तो भारत प्यारा, जैसे माला
Read Moreतुम्हारी कारी-कजरारी-मतवाली आंखें, तुम्हारी नेह से भीगी हुई-सी प्यारी आंखें, मदभरी ये तेरी श्वेत-श्याम-रतनारी आंखें, दिखातीं कैसे-कैसे रंग ये तेरी
Read More‘क’ कलम से लिखना सीखो, ‘क’ कमल से हंसना, ‘क’ कलश पानी है भरता, ‘क’ कबूतर उड़ता रहता. ‘ख’ खरगोश
Read More