सूरज दादा
(बाल गीत) ”सूरज दादा, सूरज दादा, कहो चमकते कैसे हो? युगों-युगों से पलक न झपकी, फिर भी दमकते कैसे हो?
Read Moreबात बस मन की है मन न माने तो शहनाई की गूंज भी बन जाती है तनहाई मन में हो
Read Moreचश्मे के भीतर बंद आंखें हैं चश्मे के भीतर, बंद आंखों को तलाश है चमन में बहारों की चमन को
Read Moreअन्य किसी ने वक्त को धकियाने में सफलता पाई हो या नहीं, सुदेश ने तो ऐसा संभव कर दिखाया है.
Read Moreरोज डे 22 सितंबर पर विशेष 1. कांटों में हंसना सीखो हम गुलाब हैं, खुश दिखते हैं, पर कांटों में
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