सदाबहार काव्यालय: तीसरा संकलन- 15
स्वर्णिम समय होता है यों तो हर वेला का अपना ही महत्त्व होता है, पर, कभी-कभी कोई समय इतना विशेष
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Read More1.टेलीफोन ”हैलो-हैलो, आप हैं कौन? जल्दी बोलें, रहें न मौन, कैसे पता मुझे लग पाए, किसने किया है टेलीफोन.” ”मैं
Read Moreआज से हम एक नई श्रंखला शुरु कर रहे हैं. इस श्रंखला में कुछ विचार होंगे और उन पर हमारा
Read Moreबचपन में बायोस्कोप देखने का मजा ही कुछ और था! रहते आप कहीं भी हों, बायोस्कोप आपको आगरा का ताज
Read Moreचार ग़ज़लें 1.ग़ज़ल सजदे में सिर खुदा के दिन औ’ रात रखते हो। गुनाह करते हो मगर एहतियात रखते हो।।
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