गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 09/12/2022 ग़ज़ल प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 17/11/2022 ग़ज़ल बीती उम्र कुछ इस तरह कि खुद से हम न मिल सके जिंदगी का ये सफ़र क्यों इस कदर अंजान Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 16/11/2022 ग़ज़ल मैं रोता भला था, हँसाया मुझे क्यों शरारत है किसकी, ये किसकी दुआ है मुझे यार नफ़रत से डर ना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 21/10/2022 ग़ज़ल मेरे जिस टुकड़े को दो पल की दूरी बहुत सताती थी जीवन के चौथेपन में अब ,बह सात समन्दर पार Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 11/10/2022 ग़ज़ल दुनिया बालों की हम पर जब से इनायत हो गयी उस रोज से अपनी जख्म खाने की आदत हो गयी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 27/09/2022 ग़ज़ल पाने को आतुर रहतें हैं खोने को तैयार नहीं है जिम्मेदारी ने मुहँ मोड़ा ,सुबिधाओं की जीत हो रही. साझा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 08/09/2022 ग़ज़ल अंधेरे में रहा करता है साया साथ अपने पर बिना जोखिम उजाले में है रह पाना बहुत मुश्किल। ख्वाबों और Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 21/08/2022 ग़ज़ल दीवारें ही दीवारें , नहीं दीखते अब घर यारों बड़े शहरों के हालात कैसे आज बदले हैं उलझन आज दिल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 24/07/2022 ग़ज़ल वक्त कब किसका हुआ जो अब मेरा होगा बुरे वक्त को जानकर सब्र किया मैनें किसी को चाहतें रहना कोई Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 19/07/2022 ग़ज़ल प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से Read More