गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 12/02/2022 ग़ज़ल कल तलक लगता था हमको शहर ये जाना हुआ इक शख्श अब दीखता नहीं तो शहर ये बीरान है बीती Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 12/02/2022 ग़ज़ल ये रिश्ते काँच से नाजुक जरा सी चोट पर टूटे बिना रिश्तों के क्या जीवन ,रिश्तों को संभालो तुम जिसे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 30/01/2022 ग़ज़ल बोलेंगे जो भी हमसे वह ,हम ऐतवार कर लेगें जो कुछ भी उनको प्यारा है ,हम उनसे प्यार कर लेगें Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 25/12/2021 ग़ज़ल पाने को आतुर रहतें हैं खोने को तैयार नहीं है जिम्मेदारी ने मुहँ मोड़ा ,सुबिधाओं की जीत हो रही साझा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 18/11/2021 ग़ज़ल मैं रोता भला था, हँसाया मुझे क्यों शरारत है किसकी, ये किसकी दुआ है मुझे यार नफ़रत से डर ना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 10/09/2021 दर्द का तोहफा मिला दर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के नाम पर दोस्तों के बीच में हम जी रहे थे भूल से बँट Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 22/08/202122/08/2021 ग़ज़ल अँधेरे में रहा करता है साया साथ अपने पर बिना जोखिम उजाले में है रह पाना बहुत मुश्किल ख्बाबो और Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 30/07/202101/08/2021 ग़ज़ल प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 14/06/2021 ग़ज़ल हर सुबह रंगीन अपनी शाम हर मदहोश है वक़्त की रंगीनियों का चल रहा है सिलसिला चार पल की जिंदगी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 15/05/2021 ग़ज़ल बदलते बक्त में मुझको दिखे बदले हुए चेहरे माँ का एक सा चेहरा , मेरे मन में पसर जाता नहीं Read More