गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 18/11/2021 ग़ज़ल मैं रोता भला था, हँसाया मुझे क्यों शरारत है किसकी, ये किसकी दुआ है मुझे यार नफ़रत से डर ना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 10/09/2021 दर्द का तोहफा मिला दर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के नाम पर दोस्तों के बीच में हम जी रहे थे भूल से बँट Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 22/08/202122/08/2021 ग़ज़ल अँधेरे में रहा करता है साया साथ अपने पर बिना जोखिम उजाले में है रह पाना बहुत मुश्किल ख्बाबो और Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 30/07/202101/08/2021 ग़ज़ल प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 14/06/2021 ग़ज़ल हर सुबह रंगीन अपनी शाम हर मदहोश है वक़्त की रंगीनियों का चल रहा है सिलसिला चार पल की जिंदगी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 15/05/2021 ग़ज़ल बदलते बक्त में मुझको दिखे बदले हुए चेहरे माँ का एक सा चेहरा , मेरे मन में पसर जाता नहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 15/05/2021 ग़ज़ल जिसे चाहा उसे छीना , जो पाया है सहेजा है उम्र बीती है लेने में ,मगर फिर शून्यता क्यों हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 15/05/2021 ग़ज़ल रिश्ते नाते प्यार बफ़ा से सबको अब इन्कार हुआ बंगला गाड़ी बैंक तिजोरी इनसे सबको प्यार हुआ जिनकी ज़िम्मेदारी घर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 24/04/2021 ग़ज़ल इन्सानियत दम तोड़ती है हर गली हर चौराहें पर ईट गारे के सिबा इस शहर में रक्खा क्या है इक Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 20/03/202130/03/2021 ग़ज़ल पाकर के जिसे दिल में ,हुए हम खुद से बेगाने उनका पास न आना ,ये हमसे तुम जरा पुछो बसेरा Read More