दो बूंद अश्रु के मेरी आंखों से भी बहेंगे
बस दो बूंद अश्रु के मेरी आंखों से भी बहेंगे छिन गये घर के चिराग जिनके उनके गम को क्या
Read Moreबस दो बूंद अश्रु के मेरी आंखों से भी बहेंगे छिन गये घर के चिराग जिनके उनके गम को क्या
Read Moreपल-पल मे बदले जिंदगानी पल मे मिले खुशियां अपार पल मे बिखर जाता संसार पलों का अद्भुत खेल ये देखा
Read Moreमेरे इन नन्हें हाथों में कलम कोई थमा दे आज मुझे भी शिक्षा का पावन मार्ग कोई बतलादे आज जो हैं
Read Moreमेरे घर का किवाड़ आज भी बुला रहा है मुझे अपनी चरमराहट से बैचेन होकर देख रहा है किसी न
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