साँसे रुक जायेगी….!
मानुषों के कलुष भाँपते- भाँपते। साँसे रुक जायेगी झाँकते-झाँकते।। कैसा परिवेश बदला है लोगों ने अब। कैसा आघात पाया है
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Read Moreप्रहरी बने, खड़े सीमा पर, सैनिक वीर जवान हैं।। भारत की संप्रभुता का जो, करते सदा सम्मान हैं।। हिन्द देश
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