गज़ल
वज़्न– 1222 1222 122 अर्कान– मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन, क़ाफ़िया— वास्ता (आ स्वर की बंदिश) रदीफ़ – है कहो जी आप
Read More“पुत्र- प्रेम” अरमानों की बारात आयी और सगुन की शादी सिद्धार्थ के साथ बहुत ही छोटी उम्र में हो गई,
Read Moreछंद – चामर, शिल्प विधान- र ज र ज र, मापनी – 212 121 212 121 212 वाचिक मापनी –
Read More“कुंडलिया” पावन गुर्जर भूमि पर, हुआ सत्य सम्मान। भारत ने सरदार का, किया दिली बहुमान।। किया दिली बहुमान, अनेकों राज्य
Read More”लघु कथा” “खुले गगन में मैना” उड़ रही थी एक मैना निर्भीक होकर खुले गगन में। मगन थी, अपने विश्वास
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