गाथ छंद
, गाथ छंद◆* विधान~[ रगण सगण गुरु गुरु] ( 212 112 2 2) 8 वर्ण, 4 चरण, दो-दो चरण समतुकांत]
Read More“पाखंड केो जेेल” शायद ही किसी धर्म की सीमा पाखंडियों के चंगुल से सुरक्षित बची हो। खूब आक्रमण हो रहा
Read More“दोहा मुक्तक” अमिय सुधा पीयूष शिव, अमृत भगवत नाम सोम ब्योम साकार चित, भोले भाव प्रणाम मीठी वाणी मन खुशी,
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