“कुंडलिया”
कुंडलिया माना दिल से आप ने, जिसको अपना देश। वही खा गया आप को, धर राक्षस का वेश।। धर राक्षस
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Read More“नुक्कड़ की मुलाकात” ये झिनकू भैया भी अजीब किस्म के इंसान है, जब भी मिलते हैं गाँव के नुक्कड़ पर
Read More“दोहा द्वादसी” रावण के खलिहान में, चला राम का तीर। लंका का कुल तर गया, मंदोदरी अधीर।।-1 दश दिन
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