“दोहा”
बाबा भोलेनाथ की, महिमा अपरम्पार भंग भष्म की आरती, शक्ति सत्य आपार।।-1 डम डम डमरू बज रहा, आदि कलश कैलाश
Read Moreमात्रा भार- 16+16= 32……. झूल गए फंदे पर वीरा, भाई तीनों हँसते हँसते सिंह भगत सुखदेव राजगुरु, दिए शहीदी लड़ते
Read Moreमेरी कविता ने कहा कहाँ गए वे शब्द जिन्हें कभी तुम हरघड़ी रटते थे वक्त वेवक्त॥ गूँज उठती थी हड़बड़ी
Read Moreमात्रा भार-16+14=30…….. देख पुराने पथपर हमने, कितने दीपक जला दिए खिली रोशनी गलियारों में, बाती से लौ मिला दिए दूर
Read Moreमात्रा भार- 28….. देता हूँ इक पुष्प जिसे गुलदस्ते में रख देना सिंचा मैंने इसे जतन से न परदे में
Read More