“मनहर घनाक्षरी”
बहुत विचार हुआ, दिल से करार हुआ, अब हिल मिल सब, मान भी बढ़ाइए राष्ट्र भाषा हिंदी बिंदी, ललिता लाली
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Read Moreअनंत चतुर्थी पावनी, गणपति गिरिजा नेह विघ्न विनाशक को नमन, शिव सुत सत्य स्नेह शिव सुत सत्य स्नेह, गजानन आभा
Read Moreप्रदत शीर्षक- जीभ – रसना, रसज्ञा, जिह्वा, रसिका, वाणी, वाचा, जबान। रसना मीठी रसमयी, वाणी बचन जबान रसिका हिंदी माँ
Read Moreपापी के दरबार में, वर्जित पूण्य प्रवेश काम क्रोध फूले फले, दगा दाग परिवेष दगा दाग परिवेष, नारकी इच्छाचारी भोग
Read Moreझिनकू भैया दौड़-दौड़ के किसी को पानी पिला रहे हैं तो किसी को चाय और नमकीन का प्लेट पकड़ा रहें
Read Moreभावना श्रृंगार लिए, रस छंद भाव पिए, हिंदी छेड़े मीठी तान, गान मान गाइए प्रकृति से प्यार करें, गाँव से
Read Moreप्रति दिन दान किया जाता है मान गुमान किया जाता है जिंदगी चलती नेक राहों पर चल अभिमान किया जाता
Read Moreझीलें सुंदर वादियाँ , काश्मीरी बहार रंग-विरंगी रोशनी, शिकारे चह दुलार शिकारे चह दुलार, अलौकिक शोभा धारी सैलानी आकर्षाय, खिले
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