“गीतिका”
शाम का पहर है चांदनी भी खिली होगी आ चलें समन्दर किनारों पे गलगली होगी वो लहर उफ़नकर चूमती जो
Read Moreलाला का यह जन्म दिन, रोहिणि खासम खास बुधवारी तिथि पावनी, गुरूवार उपवास गुरुवार उपवास, उदित यह महिमा भारी मथुरा
Read Moreलाली उगी सुबह लिए, पूरब सूरज तात नवतर किरणें खेलती, मन भाए प्रभात मन भाए प्रभात, निहारूँ सुन्दर बेला भ्रमर
Read Moreख़ुशी मिली है ख़ुशी मिली है यारों मुझको ख़ुशी मिली है…… मेहनत लगन अधीर हुई थी करम करत तन पीर
Read Moreखुल जाती है नित्य नींद एक, नया सबेरा लेकर अरमानों के विस्तर पर इक, नया बसेरा लेकर चल देते हैं
Read Moreबैठो मत उदास सखे, हर्षित राखी आज बहनों का आशीष है, थाली कंकू साज थाली कंकू साज, कलाई धर दे
Read Moreलोग कहते हैं नदियों में सलाब आया है मैंने तो डूबती आँखों में बहाव पाया है गिरते घर खड़े पेड़ों
Read Moreगुरुवार- चित्र अभिव्यक्ति आप सभी मनीषियों को पावन रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई सह मंगल शुभकामना…….जय माता दी……. बैठो मत उदास
Read Moreशीर्षक- सहेली – आली, सखी,सखा, सहचरी, सजनी, सैरन्ध्री वृन्दावन की सहचरी, नयन रम्यता बाग आली झूम रही सखा, कोकिल कंठी
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