“कुंडलिया छंद”
आँधी चली कतेक से, उड़े धूल आकाश आँखों में है किरकिरी, मलिन पंथ प्रकाश मलिन पंथ प्रकाश, न दिखे
Read Moreआँधी चली कतेक से, उड़े धूल आकाश आँखों में है किरकिरी, मलिन पंथ प्रकाश मलिन पंथ प्रकाश, न दिखे
Read More“मन अजोर हो गइल” तोहरी देखली सुरतिया मन अजोर हो गइल रात देखली सपन सजन चितचोर हो गइल चित के
Read Moreचित्र अभिव्यक्ति झूला झूले राधा रानी, संग में कृष्ण कन्हाई ना कदम की डाली, कुंके कोयलिया, बदरी छाई ना झूले
Read Moreशीर्षक मुक्तक आयोजन शब्द ”कच – बाल, केश, कुन्तल, चिकुर, अलक, रोम, शिरोरूह आदि ” चपला केश जस भ्रमर, उभरे
Read Moreबंदगी करता रहा उमर भर का आदमी ठहरा चलता रहा जुबां पर लगा पहरा हिल गए ये होठ यूं ही
Read Moreनिगाहों में सबके निठल्ला रहा है हुनर वही सभी को सिखला रहा है बताएं क्या कैसी वो सोहबत रही छोड़
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