मुझे निरंतर चलना है
गिरकर,एक बार फिर से मुझे सम्भलना है।मुझे निरंतर चलना है,मुझे निरंतर चलना है।। लोभ स्वार्थ बिना,कर्म पथ पर आगे बढ़ना
Read Moreगिरकर,एक बार फिर से मुझे सम्भलना है।मुझे निरंतर चलना है,मुझे निरंतर चलना है।। लोभ स्वार्थ बिना,कर्म पथ पर आगे बढ़ना
Read Moreकब तक जंगल काटोगे?चंद सिक्कों के लालच में।कब तक जहर बाँटोगे?चंद रूपयों के लालच में।। काट रहे हो हरियाली,बना रहे
Read Moreफासले भी गुजर जाएंँगे, मंजिल भी मिल जाएगा। कोशिश कर जीवन में, हर समस्या का हल पाएगा।
Read Moreए चाँद,जरा मेरे इस चांँद को देख। है तुझसे भी ज्यादा कमसिन हसीं।। तुझमें तो दूर से दाग नजर आता
Read Moreहममें गर जज़्बा हो, बाँछे खिल ही जाएगी। कर गुजरने का हो जुनून, मंजिल मिल ही जाएगी।।
Read Moreकाश मेरे भी पर होते, मैं उड़ती नील गगन में। जी लेती सारी खुशियाँ, दबी हुई जो अन्तर्मन में।
Read Moreउनके भी सीने में तो दिल धड़कता होगा। सपने सजाने उनका भी मन करता होगा। क्या ख़ता उस बेबस,लाचार,बेचारी की?
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