लेख– जेहाद के नाम पर खून के प्यासे भाई औऱ शहीद नहीं कहलाते माननीय जी!
एक तरफ़ हमारी सरकार आतंककवाद की क़मर तोड़ने को प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर देश के कुछ युवा दिग्भ्रमित होकर
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Read Moreआख़िर इस देश को हुआ क्या, हर बात पर जाति, धर्म औऱ मजहब आ जाता है। वर्तमान दौर में प्रदूषण
Read Moreदेश में सब की भूख मिटाने के लिए 23 करोड़ टन खाने की जरूरत प्रतिवर्ष पड़ती है, लेकिन देश में
Read Moreकिसी देश में अगर सपने बेचे जाते हैं। तो शायद वह देश हमारा अपना है। राजनीति सपनों को संजोने की
Read Moreदेश की राजनीति वर्तमान दौर में दो वाद से पीड़ित है ही, उसके साथ कुछ अन्य रोगाणुओं से भी देश
Read Moreसुप्रीम कोर्ट के 1997 में दिए गए एक फैसले का हवाला देते हुए सीबीएसई के डिप्टी सेक्रेटरी के श्रीनिवासन ने
Read Moreगुजरात चुनाव में राजनीति ने भले अपनी शुचिता औऱ लोकतांत्रिक सम्मान खोया दिया हो, लेकिन कुछ विशेष बातें उभर कर
Read Moreदक्षिण के दुर्ग तमिलनाडु का इतिहास साक्षी रहा है, कि वहां की भौगोलिक राजनीति फ़िल्मी सितारों से दूर नहीं रहीं।
Read Moreकोई भूख से मर रहा है, कोई ईलाज न मिलने से मर रहा है। कोई बैंकों का पैसा खाकर ऐशो-
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