मैं अकेला
अकेला हूँ पर अकेला नहीं मेरे साथ है तारो भरी रात चाँद की चाँदनी मुहँ पर आई झुर्रियां माथे पर
Read Moreजीलो आज और कल हरदम बेझिझक जनाब हमें जिंदगी बार-बार नहीं मिलेगी जीवन में ढेर सारे ग़म और कहीं कहीं
Read Moreएक कविता, और हम दोनों मैं और मेरी मोहब्बत खामोशी में उदास है कहते हैं मैं आज के बाद आपकी चुप्पी
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