ईश्वर व उसकी उपासना पद्धतियां – एक या अनेक?
हम संसार में देख रहे हैं कि अनेक मत-मतान्तर हैं। सभी के अपने-अपने इष्ट देव हैं। कोई उसे ईश्वर के
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Read More‘श्रुति-मन्थन’ लगभग 750 पृष्ठों का भव्य ग्रन्थ है जिसमें जीवन को सन्मार्ग पर प्रेरित करने व उसे सफल बनाने संबंधी
Read Moreईश्वर का अवतार होता है या नहीं? विचारणीय प्रश्न है। हमारे पौराणिक बन्धु जो स्वयं को सनातन धर्मी कहते हैं,
Read Moreसूरत मनुष्य की आकृति को कहते हैं। भारत की जनसंख्या लगभग 125 करोड़ और सारे संसार की लगभग 7 अरब
Read Moreसृष्टिकाल के आरम्भ से देश में अनेक ऋषि व महर्षि उत्पन्न हुए हैं। इन सबकी श्रद्धा व पूरी निष्ठा ईश्वरीय
Read More“माता भूमि पुत्रो अहं पृथिव्या” इस वेद की सूक्ति में निहित मातृभूमि की सेवा व रक्षा की भावना से सराबोर
Read Moreमहर्षि दयानन्द द्वारा प्रस्तुत आर्य विचारधारा में वह प्रभाव व शक्ति है जिसका अनुकरण व अनुसरण करने पर एक सामान्य
Read Moreसंस्कार की चर्चा तो सभी करते व सुनते हैं परन्तु संस्कार का शब्दार्थ व भावार्थ क्या है? संस्कार किसी अपूर्ण,
Read Moreमहर्षि दयानन्द सरस्वती के आत्म कथन में हम पढ़ते हैं कि उन्होंने 14 वर्ष की अवस्था में पिता के कहने
Read Moreवेद एवं वैदिक साहित्य में मनुष्य समाज को गुण, कर्म तथा स्वभाव के अनुसार चार वर्णों ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा
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