Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर व उसकी उपासना पद्धतियां – एक या अनेक?

हम संसार में देख रहे हैं कि अनेक मत-मतान्तर हैं। सभी के अपने-अपने इष्ट देव हैं। कोई उसे ईश्वर के

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्मब्लॉग/परिचर्चा

ईश्वर सर्वव्यापक होने से सदा अवतरित है, उसे अवतार की न आवश्यकता है और न वह अवतार ले सकता है

ईश्वर का अवतार होता है या नहीं? विचारणीय प्रश्न है। हमारे पौराणिक बन्धु जो स्वयं को सनातन धर्मी कहते हैं,

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वेदाविर्भाव और वेदाध्ययन की परम्परा पर विचार

सृष्टिकाल के आरम्भ से देश में अनेक ऋषि व महर्षि उत्पन्न हुए हैं। इन सबकी श्रद्धा व पूरी निष्ठा ईश्वरीय

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इतिहास

करोड़ो देशवासियों के आदर्श एवं प्रेरणास्रोत सरदार पटेल

“माता भूमि पुत्रो अहं पृथिव्या” इस वेद की सूक्ति में निहित मातृभूमि की सेवा व रक्षा की भावना से सराबोर

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इतिहास

महात्मा नारायण स्वामी का आदर्श जीवन : प्रेरणाप्रद एवं अनुकरणीय

महर्षि दयानन्द द्वारा प्रस्तुत आर्य विचारधारा में वह प्रभाव व शक्ति है जिसका अनुकरण व अनुसरण करने पर एक सामान्य

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

श्रेष्ठ मानव जीवन का आधार : वैदिक संस्कार

संस्कार की चर्चा तो सभी करते व सुनते हैं परन्तु संस्कार का शब्दार्थ व भावार्थ क्या है? संस्कार किसी अपूर्ण,

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

बालक मूलशंकर द्वारा शिवरात्रि पर चूहे की घटना के विरोध का परिणाम क्या हुआ?

महर्षि दयानन्द सरस्वती के आत्म कथन में हम पढ़ते हैं कि उन्होंने 14 वर्ष की अवस्था में पिता के कहने

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